साल भर पहले बना आयुर्वेदिक चिकित्सालय अब तक नहीं नियुक्त हुए कर्मचारी , शासन की बड़ी लापरवाही
- एक साथ भर्ती होकर इलाज करा सकेंगे गंभीर रोगों के 50 मरीज

बस्ती। रुधौली तहसील मुख्यालय से सटे बखरिया गांव में बन कर तैयार हो चुके राजकीय आयुर्वेदिक व होम्योपैथिक चिकित्सालय का निर्माण साल भर पहले पूरा हो चुका है। बावजूद इसके कर्मचारियों की तैनाती न होने से यह बेमतलब साबित हो रहा है। उम्मीद जताई जा रही थी कि जल्द ही इस अस्पताल में जिले के मरीजों का उपचार शुरू हो जाएगा और यह जिले का सबसे बड़ा आयुर्वेदिक व होम्यौपैथिक अस्पताल साबित होगा। यहां एक साथ करीब पचास मरीज भर्ती किए जा सकेंगे और यहां योगासन के जरिए भी मरीजों को स्वस्थ रहने के तरीके बताए जाएंगे लेकिन सब कुछ सूना पड़ा हुआ है।
30 अक्तूबर 2019 को शुरू हुए चिकित्सालय के निर्माण को पूरा करने के लिए शासन ने कार्यदायी संस्था यूपी सिडको को जिम्मेदारी दी थी। करीब 5000 वर्गमीटर क्षेत्रफल में फैले अस्पताल का दो साल यानी कि 30 अक्टूबर 2021 तक पूरा होने की डेटलाइन निर्धारित किया था। इसी बीच मार्च 2020 में कोरोना संक्रमण के कारण पूरे देश में लॉकडाउन हो गया। इस दौरान निर्माण कार्य भी ठप रहा। इसके बाद शासन ने तीस अक्तूबर 2022 तक निर्माण के लिए एक साल तक का समय बढ़ा दिया गया था। फरवरी 2023 में यह पूरी तरह बनकर तैयार भी हो गया लेकिन आयुष विभाग को स्थानांतरित होने के बावजूद अधीक्षक व कर्मचारियों की तैनाती नहीं हो सकी। नवंबर में अधीक्षक भी तैनात हो गये लेकिन कर्मचारियों की आपूर्ति करने वाली कंपनी ने अभी तक अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती नहीं की, लिहाजा अस्पताल सफेद हाथी साबित हो रहा है।
यहा मिलेंगी सुविधाएं
6 करोड़ 94 लाख रुपये से निर्मित इस चिकित्सालय में कई ब्लॉक बनाए गए हैं, जिसमें आयुर्वेदिक ब्लॉक, यूनानी, होम्योपैथिक व योग ब्लॉकों का निर्माण किया गया है। जहां अलग-अलग चिकित्सीय विधाओं से मरीजों को स्वस्थ किया जाएगा। साथ ही ओपीडी संचालित करने के लिए बिजली व पानी की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
कर्मचारियों की तैनाती कंपनी के जिम्मे
आयुष चिकित्सालय में अधीक्षक की तैनाती कर दी गई है। अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को तैनात करने के लिए मुख्यालय स्तर से कंपनी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। जल्दी संचालित करने के लिए निदेशालय पत्र भेजा